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Hindi Moral Story for Kids
दोस्तों! आज की कहानी आपको अच्छी लगेगी| इस कहानी में हम एक किसान के बारे में पढ़ेंगे जिसमे एक दिन एक किसान अपने मित्र को अपनी लोहे की तराजू कुछ दिनों के लिए रखने को दी लेकिन जब किसान उससे अपनी लोहे की तराजू वापस मांगने लगा तो उसके मित्र ने तराजू देने से मना कर दिया| अब किसान क्या करेगा अपनी तराजू वापस लेने के लिए? यह जानने के लिए कहानी को अंत तक पढ़िए|आशा है आपको कहानी पसंद आएगी| 😃
जैसे को तैसा
Best hindi moral story for kids
एक रामगढ़ नामक गांव में एक किसान रहता था| वह किसान बहुत गरीब था| उसके पास अधिक धन नहीं था| एक दिन उसने धन कमाने की सोची और उसने तय किया कि वह धन कमाने के लिए प्रदेश जाएगा| उसके पास एक बहुत पुरानी और भारी एक लोहे की तराजू थी|उसने सोचा कि वह यह लोहे की तराजू अपने मित्र को कुछ दिनों के लिए अपने पास रखने के लिए दे देगा| ऐसा सोचकर किसान ने अपनी लोहे की तराजू जो अपने मित्र को कुछ दिनों के लिए दे दी और धन कमाने के लिए प्रदेश चला गया|
कुछ दिनों के बाद किसान प्रदेश से धन कमा कर अपने गांव वापस आ गया किसान ने अपने मित्र से अपनी लोहे की तराजू मांगी लेकिन किसान के मित्र ने कहा- “मित्र! उस लोहे की तराजू को तो चूहे ने खा लिया है|” यह सुनकर किसान समझ गया कि उसका मित्र उसे उसकी लोहे की तराजू नहीं देना चाहता लेकिन किसान कुछ कर भी तो नहीं सकता था|
उसने अपने मित्र से कहा कोई बात नहीं मित्र इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है सब कुछ उन चूहों की गलती है| यह कहकर किसान बिना कुछ कहे अपने घर चला गया| अगले दिन किसान अपने मित्र के पास जाकर बोला - “ मित्र! मैं नदी में नहाने के लिए जा रहा हूं तुम अपने पुत्र को मेरे साथ भेजना चाहते हो तो भेज सकते हो|” यह सुनकर किसान का मित्र प्रसन्न हो गया और उसने अपने पुत्र को किसान के साथ स्नान के लिए भेज दिया|
किसान ने अपने मित्र के पुत्र को नहाने के बहाने से उसे अपने घर के एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया और फिर अपने मित्र के पास पहुंचा| किसान के मित्र ने कहा - “मेरा बेटा कहां है? वह तो तुम्हारे साथ स्नान करने के लिए गया था| वह कहा है?"
किसान ने अपने मित्र से कहा - “ मित्र! उसे तो एक चील उठा ले गई|” यह सुनकर किसान के मित्र ने कहा - “यह कैसे हो सकता है?कभी एक चीज चील भी इतने बड़े बच्चे को उठाकर ले जा सकती है|” अपने मित्र की बात पर किसान ने कहा - “ जब एक भारी लोहे की तराजू चूहे खा सकते हैं तो एक चील किसी बड़े बच्चे को क्यों नहीं ले जा सकती है|”
किसान के मित्र को अपनी गलती का एहसास हो चुका था| उसने किसान से माफी मांगी और कहा - “मित्र! मुझे माफ कर दो मुझे अपनी भूल का अहसास हो चुका है| मैंने लालच में आकर तुमसे झूठ बोला था कि उसे चूहे खा गए|" ऐसा कहकर किसान के मित्र ने किसान को उसकी लोहे की तराजू वापस लौटा दी| तराजू मिल जाने पर किसान ने भी उसके मित्र के बेटे को अपने कमरे से बाहर निकाल कर अपने मित्र को लौटा दिया|
शिक्षा 👉जैसा कि हमने इस कहानी में पड़ा कि किसान के मित्र ने उसे धोखा दिया लेकिन किसान ने भी उसे उस ही की चालाकी से उसे फंसा दिया इसलिए जो हमारे साथ जैसा करता है हमें भी उसके साथ वैसा ही करना चाहिए जैसा कि किसान ने अपने मित्र के साथ किया|
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