Best Very Short Moral Story in Hindi (2021) - Exomations

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Very short moral story in Hindi 

 दोस्तों आज की कहानी बड़ी ही दिलचस्प होने वाली है|  इस कहानी में हम एक मेहनती लड़के के बारे में पढ़ेंगे| जो एक दिन अपने मालिक से अपने गांव जाने के लिए अवकाश मांगता है| लेकिन उसका मालिक बहुत चालाक होता है और वह उसे दो वस्तुएँ लाने के लिए कहता है लेकिन क्या वह लड़का वे दोनों वस्तुएँ ला पाता है? और क्या उसका मालिक उसे अवकाश देता है?  यह सब हम इस कहानी में पड़ेंगे| आशा है आपको कहानी  पसंद आएगी|😃

दो वस्तुएँ



Short Moral Story in Hindi new

 बहुत साल पहले एक नगर में मोहन नाम का एक परिश्रमी और सरल स्वभाव का बच्चा रहता था| वह हमेशा अपने मालिक की सेवा में लगा रहता था| एक दिन मोहन को अपने घर की याद आई और वह अपने घर जाने के लिए अपने मालिक से कुछ दिनों के लिए अवकाश माँगना चाहता था|


 मोहन का  मालिक चतुर था|  वह सोचने लगा- “मोहन जैसा कोई अन्य कार्य में कुशल नहीं है और यह अवकाश का भी पैसा लेगा|” यह सोचकर मोहन का मालिक मोहन से कहता है - “मोहन! मैं तुम्हें  अवकाश भी दूँगा और उसका वेतन भी दूँगा लेकिन तुम्हें मुझे दो वस्तुएँ देनी होगी- “अहह और आ:!”


 यह सोचकर मोहन उन दोनों वस्तुओं को ढूंढने के लिए निकल गया| मोहन इधर-उधर घूमता रहा धरती से पूछता है| आकाश को देखता है| लोगों से उन दो चीजों के बारे में पूछता है पर उसे अपनी सफलता प्राप्त नहीं होती तभी उसे एक बूढ़ी औरत दिखाई देती है|


 मोहन उस बुड्ढी औरत को अपने कष्ट की कथा सुनाता है| वह सोचती है- “ मोहन का मालिक उसे  धन और अवकाश दोनों नहीं देना चाहता है| इसलिए उसने यह चाल चली  है उसे फँसाने के लिए|”  वह औरत मोहन से कहती है - “मोहन मैं तुम्हें यह दोनों वस्तुएँ दूंगी पर यह दोनों वस्तुएँ बहुत मूल्यवान है|” ऐसा कह कर वह बूढ़ी औरत मोहन को एक पेटी देती है जिसमें वे दोनों वस्तुएँ रखी होती है| खुश होकर मोहन अपने मालिक के पास  वह पेटी  लेकर लौट जाता है|


मोहन को देखकर उसका मालिक चकित रह जाता है| मोहन अपने मालिक से कहता है- “ मालिक इस पेटी में है वह दो वस्तुएँ जो आपने मांगी थी|” मालिक धीरे-धीरे उस पेटी  को खोलता है| तभी उसे उस पेटी में से दो छोटे-छोटे पात्र दिखाई देते हैं| पहले वह छोटे पात्र को खोलता है तभी उस पात्र के अंदर से एक मधुमक्खी बाहर निकलती है और वह उसके हाथ पर  काटती है| 


दर्द के कारण मालिक जोर से चिल्लाता है - “अहह|” इसके बाद मालिक दूसरा छोटा पात्र खोलता है तभी उसमें से भी एक दूसरी मक्खी उसमें से निकलती है और वह मोहन के मालिक के सिर पर काट लेती है| वह पीड़ित होकर जोर से  चिल्लाता है- “आ:|” मोहन अपने कार्य में सफल हो जाता है और उसका मालिक उसे अवकाश और धन दोनों दे देता है| 


यह  कहानी भी  पढ़िए👉(
 दूसरे गांव की यात्रा)

 शिक्षा - जैसा कि हमने इस कहानी में पढ़ा  कि मोहन ने किस तरह बुड्ढी औरत की मदद से अपने मालिक से अवकाश और धन दोनों ले लिए| इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें  किसी के साथ भी धोखा नहीं करना चाहिए| धोखे का अंजाम बुरा ही होता है  जैसा कि मोहन के मालिक के साथ  हुआ| 


दोस्तों! आशा है आपको मेरी यह हिंदी की छोटी कहानी अच्छी लगी होगी| अगर अच्छी लगी तो कमेंट कर के बताइए| 😊







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