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Short moral story in Hindi for kids
दोस्तों आज जो कहानी आप पढ़ने वाले है वह कहानी हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देने वाले है इस कहानी में हम नेवले और एक बच्चे के बारे में पढ़ेंगे जो हमें एक अच्छी शिक्षा देते है इसलिए कहानी को अंत तक पढ़िए|
नेवला और एक बच्चा
Short moral story in Hindi
Small moral story in hindi
एक रामपुर नामक गांव में एक किसान रहता था| एक दिन उसके घर एक बच्चा हुआ और उसी दिन उसके घर में रहने वाले नकुली ने भी एक नेवले को जन्म दिया| किसान की पत्नी जिसका नाम रूपा था वह स्वभाव से दयालु थी और उसने नकुली के उस नवजात बच्चे को अपने बच्चे के समान पाल - पोसकर उसे बड़ा किया| वह नेवला किसान के बच्चे के साथ हमेशा खेलता रहता था और उन दोनों में बहुत प्रेम था|किसान की पत्नी रूपा बच्चे और नेवले को खेलते देखकर बहुत खुश होती थी लेकिन कभी-कभी रूपा को एक शंका होती थी कि कहीं यह नेवला उसके पुत्र को काट ना ले क्योंकि नेवला एक जानवर ही तो था| 1 दिन किसान की पत्नी अपने पुत्र को सुलाकर पास के तालाब से पानी लेने के लिए चली गई| तालाब से पानी लेने जाने से पहले उसने अपने पति को कहा कि वह बच्चे का ध्यान रखें कहीं ऐसा ना हो कि यह नेवला उसे काट ना ले|
पत्नी के कहने पर किसान कुछ समय तक तो अपने पुत्र के पास बैठा रहा लेकिन कुछ देर बाद वह खेती करने के लिए अपने खेत की तरफ चला गया| उसके जाने के कुछ देर बाद एक काला साँप कहीं से वहां आ गया| नेवले ने उसे देख लिया और उसको लगा कि कई यह साँप उसके मित्र को डस ना ले इसलिए वह उस को रोकने के लिए उस पर प्रहार करने लगा|
लड़ते-लड़ते नेवला काफी जख़्मी हो गया था लेकिन उसने उस साँप के टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे| साँप को मारकर और अपने मित्र की जान बचाकर नेवला काफी खुश हो गया था और वह अपने मित्र की रक्षा के लिए उसके पास बैठ गया और कुछ देर के बाद किसान की पत्नी वापस घर लौट आई| जब उसने देखा कि नेवले के मुंह पर खून लगा हुआ है तो यह देखकर किसान की पत्नी को लगा कि इस नेवले ने उसके पुत्र को मार दिया है|
ऐसा सोच कर किसान की पत्नी को क्रोध आ गया और उसने अपने सिर पर रखे हुए पानी के घड़े को नेवले के ऊपर फेंक दिया और छोटा सा नेवला पानी से भरे घड़ी की चोट से तुरंत ही मर गया| जब किसान की पत्नी अपने पुत्र के पास पहुंची तो उसने देखा कि उसका पुत्र बड़े आराम से सो रहा है और उसके थोड़ी ही दूर पर एक काले साँप के टुकड़े- टुकड़े पड़े हुए हैं और यह देखकर किसान की पत्नी को अपनी गलती का एहसास हुआ|
जिस नेवले ने उसके पुत्र को उस काले साँप से बचाया था| उसने उस निर्दोष नेवले की जान ले ली जब किसान घर वापस आया तो उसकी पत्नी ने उसको रोते -रोते हुए सारी घटना बता दी| नेवले की मृत्यु देखकर रूपा का मन आहत हो गया था| सारी घटना सुनने के बाद किसान ने अपनी पत्नी से कहा कि बिना सोचे समझे जो काम किया जाता है उसका परिणाम ऐसा ही होता है| अत: हम जो भी काम करें हमें वह सोच समझ कर ही करना चाहिए नहीं तो उसका परिणाम हमारे लिए अच्छा नहीं होगा|
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शिक्षा 👉 जैसा कि हमने इस कहानी में पड़ा कि किस तरह बिना सोच विचार के किसान की पत्नी ने उस निर्दोष नेवले की जान ले ली इसलिए हमें सोच - विचार करके ही कोई काम करना चाहिए|
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