Best😊 Moral Story (ईमानदार लकड़हारा) in Hindi for Education (2021)

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Best Moral Story for students in hindi

हेलो  दोस्तों!  आपका स्वागत है Exomations stories में| दोस्तों! आज की कहानी बड़ी दिलचस्प होने वाली है| इस कहानी में हम जानेंगे कि एक बार एक लकड़हारे से उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर जाती है और वह जोर-जोर से रोने लगता है लेकिन बाद में कुछ ऐसा होता है जो उसने सोचा भी नहीं| चलिए जानते हैं इस कहानी में|  ऐसे क्या होता है उसके साथ?

ईमानदार लकड़हारा

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एक रामपुर नामक गांव में एक गरीब लकड़हारा रहता था| वह लकड़ियां काट कर अपना जीवन यापन क्या करता था| एक दिन वह जंगल में लकड़ियां काटने के लिए गया| वह नदी के किनारे के पेड़ पर चढ़कर लकड़ियां काट रहा था| अचानक लकड़िया काटते  समय उससे उसके हाथ से
उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई|

लकड़हारा यह देखकर काफी परेशान हो गया| वह सोचने लगा कि अब वह अपना जीवन निर्वाह कैसे करेगा? वह यह  सोच कर जोर- जोर से रोने लग गया| वह कुछ देर तक रोता रहा| तभी अचानक उस नदी से एक जल- देवता प्रकट हुए| 


उन्होंने लकड़हारा को रोते हुए देख कर उससे पूछा- “तुम इस तरह से रो  क्यों रहे हो?” लकड़हारा रोते हुए जवाब देता है- “मैं इस पेड़ से लकड़ियां काट रहा था और लकड़ी काटते समय मेरे हाथ से मेरी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई|” यह सुनकर जल देवता बोले- “तुम रोना बंद करो| मैं तुम्हारे लिए तुम्हारी कुल्हाड़ी नदी से लेकर आता हूं|”


 ऐसा कहकर जल देवता नदी में गए और एक सोने की कुल्हाड़ी अपने साथ बाहर लाएं और उन्होंने वह कुल्हाड़ी लकड़हारे को देते हुए कहा- “ क्या यह है तुम्हारी कुल्हाड़ी?” कुल्हाड़ी को देखकर लकड़हारे ने जवाब दिया - “नहीं! यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है|” यह सुनकर जल देवता दोबारा से नदी में गए| अबकी बार वह अपने साथ एक चांदी की कुल्हाड़ी अपने साथ लाए और उन्होंने  लकड़हारे से फिर कहा- “ क्या यह है तुम्हारी कुल्हाड़ी?” 


कुल्हाड़ी को देखकर लकड़हारे ने कहा - “नहीं! यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है| यह सुनकर   अब जल देवता वापस नदी में गए| इस बार जल देवता नदी से एक लकड़ी की कुल्हाड़ी लाते हैं और लकड़हारे को दिखाते हैं| 

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लकड़हारा अपनी कुल्हाड़ी को देखकर प्रसन्नता से कहता है- “ हां- हां! यही है मेरी कुल्हाड़ी|” जल देवता लकड़हारे की ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने उसे सोने और चांदी की कुल्हाड़ी साथ में दे दी| लकड़हारा इस बात से जल -देवता को धन्यवाद करके वहां से खुशी-खुशी अपने गांव की और चला गया|


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शिक्षा 👉 जैसा कि हमने इस कहानी में पढ़ा कि लकड़हारे की ईमानदारी के कारण जल देवता ने उसे चांदी और सोने की भी कुल्हाड़िया साथ में दे दी| इसी प्रकार हमें भी हमेशा ईमानदारी का रास्ता अपनाना चाहिए|  हमें कभी भी किसी के साथ भी बेईमानी  नहीं करनी चाहिए|


दोस्तों! आशा है आपको मेरी यह हिंदी की moral story in hindi for education अच्छी लगी होगी| अगर अच्छी लगी तो Comment करके बताइए| 😊



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