Moral stories in Hindi for kids
आज मैं आपको एक बारहसिंघा की कहानी बताऊंगा| जो अपने सुंदरऔर बड़ी सींगों पर गर्व करता था और अपनी पैरों को ना पसंद करता था| लेकिन उसके सुंदर सींगों ने उसे मुसीबत में डाल दिया|
Moral stories in Hindi class 7
घमंडी बारहसिंघा (Proudful Stag)
एक बार की बात है| एक बहुत सुंदर और घने जंगल में एक बारहसिंघा रहता था| एक दिन वह एक तालाब के पास पहुंचा| उसने उस तालाब में अपनी परछाई देखी| जब उसने अपनी परछाई में अपने सींग देखे तो वह सोचने लगा - “वाह! कितने सुंदर है मेरे यह सींग| शायद ही किसी और जानवर के पास होंगे| मुझे अपने सींग पर गर्व महसूस हो रहा है|”
बारहसिंघा ने अपने सींग तो की बहुत प्रशंसा की लेकिन जब उसने पानी में अपने पैरों को देखा तो उसे अपने पैर बहुत पतले और बदसूरत लग रहे थे| वह सोचने लगा - “मेरे सींग तो बहुत सुंदर है लेकिन मेरे पैर तो पतले और बहुत बदसूरत है| इन पैरों की वजह से ही मैं अच्छा नहीं लगता|” इस तरह बारहसिंघा अपने पैरों को दोष देने लगा|
एक दिन जंगल में कुछ शिकारी आए| जब बारहसिंघा ने उनको देखा तो वह खुद को शिकारियों से बचाने के लिए वहां से भागा| उसके पतले और बदसूरत पैरों ने जल्द ही उसे काफी दूर तक पहुंचा दिया था| शिकारी उससे काफी पीछे रह गए थे| बारहसिंघा भागते भागते एक झाड़ियों से भरपूर जंगल में पहुंचा| लेकिन उन झाड़ियों में बारहसिंघा के बडे और खूबसूरत सींग झाड़ियों में फस गए|
उसने खुद को झाड़ियों से बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह निकल नहीं पाया| बाद में उसके पतली और बदसूरत पैरों ने बहुत जोर लगाया| बारहसिंघा अपने पैरों की वजह से उन झाड़ियों से निकल गया| वह भागते - भागते शिकारियों से काफी दूर निकल गया था|
अब बारहसिंघा को अपनी गलती का एहसास हो गया था| जिन सींगों को वह सुंदर तथा उन पर गर्व कर रहा था उन्हीं सींगों ने उसे मुसीबत में डाल दिया था और जिन पैरों को वह पतले और बदसूरत बता रहा था| उन्हीं पैरों की वजह से उसकी जान बच गई|
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शिक्षा - हमें कभी भी अपनी सुंदरता पर गर्व नहीं करना चाहिए|
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