Horror short story in Hindi
अजीब साया
Short horror story in hindi written
दोस्तों! अक्सर आपने देखा होगा कि अधिकतर लोग अपने घर में कुत्ते, बिल्ली,पंछी और भी कई प्रकार के जानवर पालने का शौक रखते हैं लेकिन जब बाद में इनके साथ कुछ अजीब घटनाएँ घट जाती है| तब जाकर इनकी आँखें खुलती है लेकिन ऐसा सिर्फ कुछ ही लोगों के साथ होता है|
एक ऐसी ही घटना रमेश के परिवार में घटी थी| रमेश मुंबई में रहने वाला एक नौजवान युवक था| रमेश का एक छोटा सा परिवार है उसके परिवार में उसके पिता, मां, उसकी पत्नी और उसका एक छोटा सा बेटा रहते है| एक बार की बात रमेश अपने परिवार के साथ बाहर घूमने गया था और जब वह वहां से अपने घर वापस आया तो उसने देखा कि उनके दरवाज़े के पास एक तोता गिरा पड़ा है और वह दर्द से छटपटा रहा है|
रमेश की पत्नी ने तोते को उठाया और घर के अंदर ले गई| किरण ने उसकी मरम पट्टी की तकरीबन 3 महीने बाद वह तोता बिल्कुल ठीक हो गया था और हर वक्त किरण के घर में ही इधर से उधर उड़ता रहता था| किरण भी उस तोते को बहुत प्यार करती थी लेकिन कुछ दिनों के बाद रमेश के घर में पैसों की कमी होने लगी और उनके घर में तंगी आने लगी|
रमेश का ठीक-ठाक चल रहा काम भी छूट गया था| रमेश के बेटे की तबियत भी बिगड़ने लगी| देखते ही देखते एक महीना और गुजर गया और धीरे-धीरे रमेश की सारी जमा संपत्ति खत्म होने लगी लेकिन किरण ने इस बात पर इतना गौर नहीं किया था| पर 1 दिन किरण जब अपने कमरे में सो रही थी तब अचानक उसके घर की बिजली चली गई और किरण की आँखें खुल गई| किरण अंधेरे में मोमबत्ती ढूंढने लग गई|
मोमबत्ती को ढूंढते समय किरण का हाथ किसी चीज ने पकड़ लिया| अंधेरे की वजह से किरण को कुछ भी साफ- साफ दिखाई नहीं दे रहा था| किरण जोर से चिल्लाने लगी लेकिन उस वक्त किरण के घर पर कोई नहीं था केवल किरण का दो साल का बेटा ही था जो अपने कमरे में सो रहा था|
किरण ने बहुत कोशिश की अपने हाथ को उस चीज से छुड़ाने की लेकिन वह छूट नहीं पा रही थी तभी अचानक कुछ देर के बाद बिजली वापस आ गई| घर में बिजली आते ही वह चीज जो किरण का हाथ पकड़ रखी थी| वह धीरे-धीरे गायब होने लगी लेकिन किरण की नजर उस चीज पर पड़ गई|
किरण ने देखा कि वह चीज एक आदमी का हाथ है जिसकी शक्ल काफी डरावनी थी| देखते ही देखते वह व्यक्ति गायब हो गया किरण को समझ आ गया था कि वह जरूर कोई भूत या कोई प्रेत है जब किरण ने देखा कि जो तोता उसने पाला था वह वहां नहीं है|
रमेश और रमेश के पिता और मां के आने के बाद किरण ने यह घटना रमेश को बताई लेकिन रमेश को किरण की बात पर विश्वास नहीं हो रहा था लेकिन जब किरण ने अपना हाथ रमेश को दिखाया तब रमेश को यकीन हुआ क्योंकि उस भूत के पंजों के निशान अभी तक किरण के हाथों पर थे| कुछ दिनों के बाद किरण के घर की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी थी| रमेश को भी नया काम मिल गया था किरण को समझ आ गया कि वह जरूर कोई भूत प्रेत था, जिसके कारण यह सब हो रहा था| किरण के हाथों पर अभी तक उस भूत के पंजे के निशान थे|
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